लेखनी प्रतियोगिता -18-Apr-2023
आज बदला समाज कुछ बाते सिखाता है
नारी के पैर की बेड़े को काट ऊंचाई की बुलंदी बताता है
न हो हताश सामने तुझे शिखर तक जाना है
उदारण है पी टी उषा, मैरी कॉम जैसे नारी ही
इन्हे सीख आगे बढ़ते जाना है
आए थे दौर इन नारी के जीवन में भी संघर्ष
सफल हुई, विफलता का डर सभी को लगता है
कोशिश तो कर बढ़ा लो कदम
मंजिल को अपनी बना लो हमदम
जीत गई तो खुशियों की बहार आ जायेगी
हार की चिंता कर क्यों रोक रही खुद को
जीत को अपनी खुद से अलग मत कर
कदम बढ़ा एक बार कोशिश तो कर लो
परिस्थितियां अनेक आती है वंचित कर जाती है
कोशिश की जाती हो हताश ए लड़कियां
कर प्यार बच्चियों से उसे राह से भटकाते है
मुसाफिर दिल लगा फिर जज्बात तोड़ जाते है
ये समाज तुम्हे वंचित कर देगा
तो रख हौसला गगन को चीर जाना है
जो जज्बात से खेले उसे बन जगदम्बा
रूप बना लेना है
खुद को किसी अनजान से खेलने न देना है
देख लड़की कमजोर नहीं झांसी से झलक उसमे
देती जन्म बच्चे को खुद दर्द सह लेती है
नारी की शक्ति से ये दुनिया का निर्माण हुआ
फिर क्यों नही यू नारी का सम्मान आज भी
बराबर है।
Milind salve
19-Apr-2023 09:51 AM
बहुत खूब
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Punam verma
19-Apr-2023 09:28 AM
Very nice
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Abhinav ji
19-Apr-2023 08:54 AM
Very nice 👍
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